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Showing posts from May, 2021

हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार नारद कौन हैं?

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हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार नारद कौन हैं? आइए आपको बताते हैं महान ऋषि, पौराणिक ग्रंथों के महापुरूष, आचार्य महर्षि नारद के बारे में। वह शायद पौराणिक पाठ में सबसे प्रमुख पात्र है। नारद जी हमेशा जप करते हैं,श्री हरि नारायण को प्रसन्न करने के लिए नारायण, नारायण, नारायण। उन्होंने हमेशा भक्त को भगवान् से मिलने के लिए प्रेरित किया। गुरु के रूप में महान भक्त ध्रुव, प्रह्लाद, महर्षि वेदव्यास और कई शिष्यों को शिक्षा दी। पौराणिक पहलुओं के अनुसार  नारद अपने पिछले जन्म में एक गंधर्व थे। एक दिन ब्रह्मा जी ने नारायण की महिमा का गुणगान करने के लिए  एक कार्यक्रम का आयोजन किया और देवताओं,गंधर्व, यक्ष आदि को आमंत्रित किया। सभी लोक, देव, गंधर्व, यक्ष और अन्य से कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए। एक गंधर्व , दिव्य स्त्री की ओर मोहित हो गए, इसलिए ब्रह्मा जी क्रोधित हो कर उस गंधर्व को शाप दिया," उन्हें नश्वर दुनिया में शूद्र कुल में जन्म लेना होगा"। इसके बाद, उन्होंने दासी के पुत्र के रूप में जन्म लिया। दासी सदा साधु, संत, ओर वैष्णवों की सेवा करती थी। उनका बेटा भी उनकी सेवा के लिए पूरी तरह से सम...

क्या धनानंद नंद वंश का सबसे कमजोर शासक था?

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  क्या धनानंद, नंद वंश का सबसे कमजोर शासक था? छवि स्रोत unsplash.com धनानंद नंद वंश के अंतिम सम्राट थे। लेकिन उनका व्यवहार बिल्कुल अजीब था। राज्य की सेवा करने के बजाय वह जुआ में समय बिताकर वासनापूर्ण जीवन का आनंद ले रहा था। अपने निजी इस्तेमाल के लिए राज्य के राजस्व का उपयोग करता था।   चाणक्य एक महान ब्राह्मण, उपदेशक और धनानंद के दरबार के मंत्री थे। और चाणक्य को विष्णु गुप्त या कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है।  राज्य के लिए अनुचित व्यवहार के लिए धनानंद की कटु आलोचना की। उन्होंने कहा, "एक राजा को हमेशा कामुक जीवन का आनंद लेने के बजाय अपने राज्य की बेहतरी के बारे में सोचना चाहिए"। धनानंद ने अपना अपमान समझकर उसे पीछे धकेल दिया, चाणक्य नीचे गिर गए और उनकी शीखा खुल गई। चाणक्य क्रोधित हो गए और धनानंद को  चुनौती दी, मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे वंश को नष्ट कर दूंगा। कुछ साल बाद चाणक्य एक युवा लड़के के लिए राज्य में घूमे, आखिरकार उन्हें चंद्रगुप्त एक सक्षम और आत्मविश्वासी लड़के के रूप में मिला। जो चाणक्य के लक्ष्य को पूरा कर सकता था। उन्होंने धनानंद वंश को नष्ट करने के लिए प्र...

सिद्धार्थ (गौतम) कैसे बने भगवान् बुद्ध?

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  सिद्धार्थ (गौतम) कैसे बने भगवान् बुद्ध? भगवान् बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व नेपाल के लुंबिनी में हुआ था।इनका पिता का नाम शुद्धोधन तथा माता का नाम मायादेवी देवी था। इनके जन्म के सातवें दिन बाद ही इनके माता का देहांत हो गया।इनका लालन पालन प्रजापति गौतमी ने की।आगे चलकर बौद्ध धर्म में दीक्षा ली।ऐसा कहा जाता है,इनकी माता ने जन्म से पूर्व स्वप्न में हाथी का दृश्य देखा था।इससे स्पष्ट हो गया,कोई महान आत्मा का आगमन होने वाला है। उनके जन्म के बाद ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की या तो एक महान शासक बनेगा,या फिर वैराग्य भावना आने पर एक महान दार्शनिक,उपदेशक, धर्म , सत्य,ओर अहिंसा का प्रवर्तक बनेगा। इस भविष्यवाणी के बाद इनके पिता ने यह संकल्प लिया कि सिद्धार्थ को सांसारिक दुखों से दूर रखूंगा ओर भोग - विलासिता जीवन में कोई कमी नहीं होने दूंगा। सिद्धार्थ ने अपने बचपन ओर गृहस्थ का ज्यादातर समय महल में ही बिताए। उन्होंने यशोधरा के साथ विवाह किया ओर उनके एक पुत्र भी हुए ,जिसका नाम राहुल था । कुछ समय बाद सिद्धार्थ ने महल से बाहर की दुनिया को देखने की इच्छा प्रकट की। अपने अनुचर को चलने   के लिए विव...

भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप का कैसे बध किया?

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  भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप का कैसे बध किया? सबसे पहले में आपको इस प्रसंग के बारे में विस्तार से बताता हूं।  ब्रह्मा जी ने जब चार कुमारो (सनकादी , सनत, सनातन,एवं सन्नदन)की रचना की , वेदों को समस्त लोक में फैलाने के लिए। वे चारों कुमार ब्रह्मा जी की आज्ञा से विष्णु भगवान् के पास गए । जब चारों ब्राह्मण बालक विष्णु लोक में प्रवेश कर रहे थे।तो भगवान् के द्वारपाल उन्हें जाने से रोक दिया। इससे क्रोधित होकर वे बालक श्राप दे दिया, तीन बार राक्षस योनि में जन्म लेने के लिए। फिर विष्णु भगवान् आए,ओर सभी ब्राह्मण बालक को दर्शन दिए, मार्गदर्शन किया।उस द्वारपाल के क्षमा याचना करने के बाद,ब्राह्मण बालक ने उसकी मृत्यु भगवान् नारायण के हाथ से हो , आशीर्वाद दिया। वहीं दोनों राक्षस हिरण्यकश्यप ओर हिरण्याक्ष के रूप  में प्रकट हुआ। हिरण्यकश्यप अत्यंत भयानक, पराक्रमी व क्रूर राक्षस  था ।उसने खुद को भगवान मान लिया था।ओर अपने प्रजा को बहुत ही सताता था।ओर स्वयं की पूजा के लिए कहता था। वह भगवान् विष्णु से अत्यंत वैर भाव रखता था ।उसने समस्त लोको में अपना आधिपत्य जमा रखा था।उसने दैत्य गुरु शुक...

भारतीय सभ्यता और संस्कृति

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भारतीय सभ्यता और संस्कृति भारत एक देश ही नहीं , विश्व का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।ओर पूरी दुनिया का विश्व गुरु रहा है। यह भगवान् का सर्वाधिक प्रिय क्षेत्र रहा है।  जहां पर भगवान् ने कई अवतार एवं रूपो में प्रकट हुए है।ओर समस्त संसार में सत्यता ओर धर्म की स्थापना किए है। यह ऋषि,मुनि, के लिए प्रसिद्ध स्थल है। जहां पर वे ध्यान एवं तप के माध्यम से भगवान् को प्राप्त होते है। भारतवर्ष में लाखो की संख्या में मंदिर, शक्तिपीठ, ज्योतिर्लिंग,ओर भी कितने प्रसिद्ध मंदिर ओर तीर्थस्थल है।हरिद्वार,वृंदावन, अयोध्या, प्रयागराज, उज्जैन,काशी,ये सभी भारत के सुप्रसिद्ध तीर्थस्थल है। इनमे से कुछ यूनेस्को वर्ल्ड धरोहर (UNESCO)में भी शामिल है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इन तीर्थो में भ्रमण कर लेता है।वह कर्मबंधन से मुक्त हो जाता है। इसका इतिहास गौरवशाली रहा है।इसे प्राचीन समय में सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था।ओर भी कई नामो जैसे हिंदुस्तान, आर्यवर्त, भारतवर्ष से प्रसिद्ध रहा।इसका नाम भारत,देश के महान शासक के नाम पर रखा गया था। यह देश विविधताओं से भरी हुई है। यहां की जलवायु मौसम के अनुसार जगह - जगह बदलत...

भगवत गीता श्लोक

 भगवत गीता श्लोक परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्,  धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।। अनुवाद - हे पार्थ, मै साधुओं पुरुषों का उद्धार करने के लिए, तथा दुष्ट कर्म करने वालों का विनाश करने के लिए, और धर्म की अच्छी तरह से स्थापना करने के उद्देश्य से में युगों - युगों में प्रकट हुआ करता हूं।   O Arjuna to liberate great soul,punish bad deeds and to establish discipline of truth ,Sanatan and eternal Dharma( religion ). I take incarnation time to time. *Deity Krishna wants to say Arjuna,I am the supreme deity ,I give emancipation to sadhus(devotee). Emancipation is the ultimate nature that free ones from bondage of life and death. *Bad deeds - One who perform wrong work by his karmik body. *To establish peace, prosperity, discipline, in the cosmos. *Take personification in many form as Narsimha,Ram, Krishna, Vaman, Narayan etc.

भगवत गीता श्लोक

 Bhagwat Gita verses यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।। अनुवाद - भगवान् श्री कृष्ण अर्जुन से कहते है। है पार्थ, जब - जब धर्म की हानि ओर अधर्म की वृद्धि होती है ।तब - तब में इस धरती पर अवतार लेता हूं। O Arjuna, I took incarnation time to time. whenever Adharma (sin)get increased,and religion(truth) get detoriated. *Krishna supreme lord of universe. who attracted devotees with his pure blissful divine Leela with cowherd (Gopis) in Vrindavan forest. He killed Kansa and several demons. To remove evilness from society. He influenced Arjuna to kill kaurvas sinner one. Given Bhagwat Gita knowledge to Arjuna in the battlefield of kurukshetra (Haryana ) . Bhagwat Gita is one of the finest inspirational and motivational book on the Earth. Which is essence of Vedas and Upanishads. It is not only book but has tremendous quality and energy and epitome of knowledge to change one's life. It deals with every walk of life. It will help you to tou...

Tropical cyclone Tauktae

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 Tropical cyclone                 Tauktae *Cyclone is a large amount of air that rotates in low pressure area and counterclockwise direction in both the hemisphere . This Tauktae cyclone emerged in Arabian sea. And heated most of the coastal states like Gujarat, Mumbai,Goa, Kerala Tamilnadu, Karnataka,west Bengal as well as Andhra Pradesh. Gujarat , Mumbai got highest casualties while rest of state's minimum casualty. As this cyclone's hotspot was in Arabian sea . That's why it heated western coastal areas. Some cyclonic zone states are on high alert. Statesman already have made arrangement of all possible equipments. Airforce, Indian army and NDRF team on way to evacuate. Our prime minister,Sri Narendra Modi  undertook Arial view of Gujarat and Diu of cyclonic zone area. And also took reports of evacuation related and made all possible relief' for casualties. And also given assurance of financial support.

पश्चिम बंगाल हिंसा ओर राष्ट्रपति शासन।

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  पश्चिम बंगाल हिंसा, राष्ट्रपति शासन सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए। भारत हमेशा एक महान राष्ट्र रहा है। जो दुनिया में धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषा विज्ञान, एकता, सामाजिक विविधता साझा करता है। दुनिया की तुलना में इस देश की कानून व्यवस्था हमेशा लचीली रही है। यह मुख्य कारण है जिसका व्यक्ति हमेशा दुरुपयोग करता रहा है। चुनाव परिणामों के बाद, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी पार्टी, को पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने के लिए बहुमत मिला । वह राज्य के प्रमुख के रूप में चुनी गईं। सत्ता में होने के बावजूद बंगाल में हिंसा की खबरें फैलती हैं। इसलिए इस मामले को देखना प्राथमिकता बन जाती है। राज्य में हो रही सभी घटनाओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार जिम्मेदार है। चूंकि नागरिक राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बल्कि सुशासन के लिए बहुमत वाली सरकार का चुनाव करते हैं। सर्वोच्च नेता को लोगों की भलाई के लिए सहज प्रयास करना चाहिए। हम हमेशा की तरह पश्चिम बंगाल हिंसा के बारे में समय-समय पर खबरें देखते रहते हैं और यह अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड करता रहता है। हिंसा ने लोगों के जीवन पर बड़ा प्रभाव डाला है,...

भगवत गीता श्लोक

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        भागवत गीता श्लोक कर्मण्यवादिकारस्ते मा फलेषु कदाचन, मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगस्त्व कर्मणि।। अनुवाद - श्री कृष्ण भगवान ने अर्जुन से कहा,     हे पार्थ ,तू केवल कर्तव्य कर्म कर, फल का आशा छोड़ दें। ओर तुझमें कर्म के प्रति आसक्ति भी नहीं  करनी चाहिए। इससे तुम कर्म बंधन में नहीं लिप्त होगे। *कर्म के बंधन में बंधने से मनुष्य को उस कर्म के प्रति आसक्ति हो जाती है। इसलिए हमे सदैव अपने कर्मो पर दृष्टि रखनी चाहिए। Supreme lord Krishna tells to Arjuna ,you should do your action effortlessly, without thinking about results and entanglement. * Always be careful about your action and keep eyes on it.